Thursday 6 February 2014

महतवपूर्ण और जरुरी


               फ़ोन लगातार बजता जा रहा था और मैं जल्दी में था | गाड़ी चलाऊं या रूककर फोन रिसीव करू ? क्या महतवपूर्ण है और क्या जरुरी ?
कहीं कोई जरुरी फ़ोन हुआ तो मुसीबत हो जाएगी | मैं गाडी चलते में भी फोन उठा सकता हूँ, परन्तु चलते रास्ते में भीड़ इतनी होती है कि रुकना आसान नहीं होता |
                 क्या मैं कुछ गलत तो नहीं कर रहा? ज़िन्दगी महवपूर्ण है, यदि कोई पीछे से ठोंक गया तो पड़े रहना पड़ेगा हॉस्पिटल में| आज कल वैसे भी मौत बीमारियों और दुर्घटनाओ के भेष में आती है |

                 
                       क्या करू मैं? कहीं महतवपूर्ण के लिए जरुरी न छूट जाए | कहीं गैर जरुरी के चककर में माहतवपूर्ण का नुकसान न हो जाए | सोचना पड़ेगा |

खैर जीवन ने आपको जो दिया और आपको जीवन से जो चाहिए, दोनों ही अलग अलग मसले हैं जिन्हे आपका जीवन आपस में जोड़ता है| जैसा क़ि मैं अक्सर कहता हूँ " आप सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और जीवन आपका   आपना चुनाव है |"
तो अपना सबसे अच्छा चुनाव कीजिये |
                                                                          - गप्पू चतुर्वेदी 

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